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Sunday 11 October 2020

ई चिरगवा सब फंसा दिया है...बहुते बड़ा बैकअप है उसको...नीतीशो को चुप करा दिया है... आप लोग नहीं बूझियेगा उसको

बिहार में चुनाव है और प्रदेश की राजधानी पटना में राजनीतिक सरगर्मी उफान पर है। ऊपर से मौसम की गर्मी। खबरों की गहमागहमी के बीच यह पटना के गांधी मैदान के बगल बिस्कोमान भवन के नीचे का सत्तू वाला ठेला है।

दोपहर के 2:30 बज चुके हैं। गर्मी के इस मौसम में गांधी मैदान के पास ऐसे दो-तीन सत्तू के ठेले वाले हैं, जो मसालेदार सत्तू पिलाकर गर्मी से राहत भी देते हैं, स्वाद भी।

सत्तू वाले को ऑर्डर देकर कई लोग इंतजार में हैं। अब मैं भी इन्हीं में जुड़ चुका हूं। सफेद शर्ट में खड़े एक सज्जन जो पक्का सचिवालय वाले बाबू जैसे लग रहे हैं, कुछ ज्यादा बेचैन हैं। मुंह में भरी पान की पीक ने बोलने पर ताला लगाया हुआ है। मुश्किल ये कि कुछ बोलना चाहते हैं और पीक थूकना भी नहीं चाहते। गजब की ऊहापोह दिख रही है। शायद सत्तू आने तक ऐसे ही दाबे रहने के मूड में हैं। इनके साथ दो लोग और हैं। लेकिन अभी तक सब शांत।

मैंने चुप्पी तोड़ते हुए सवाल उछाला... इस बार चुनाव में कुछ मजा नहीं आ रहा है।

ब्लू टी शर्ट वाले ने कहा- ‘कहां से मजा आएगा भैया, ई कोरोना ने सब बर्बाद कर दिया है... ना त पहले चुनाव से दू महीना पहले पूरा माहौल हज हज हो जाता था। अब न प्रचार हो रहा है और न उम्मीदवार दिख रहे हैं... सब करोनवा बर्बाद कर दिया है। लग रहा है ना कि हम लोग का दुर्गा पूजा भी ई ले बीतेगा।’ एक ही सांस में बहुत कुछ कह डाला है।

उन्हीं के साथ वाले कुर्ता-पजामा धारी ने टोकते हुए कहा- ‘तुम खाली कोरोना को दोष काहे दे दे रहे हो जी। ई पार्टी वाला सब भी तो खूबे नौटंकी किया है... देख नहीं रहे हो टिकट बांटने में कितना झेंज बतिया रहा है। टिकट तो आचार संहिता लागू होने से पहले ही बंट जाता था। नेता सब प्रचार करने चले जाते थे। लेकिन अब की जो पार्टी वाला किया है, उ सबको कनफ्यूज कर दिया है। देख रहे हो न, ई नेतवा सब 20 दिन से आकर पटना में पड़ा है। कौनो रिश्तेदार के यहां तो कउनो होटल में पड़ल है।’

पान की पीक दबाए सज्जन अब तक व्यग्र हो चुके हैं। लगता है अब पीक उगल ही देंगे... लेकिन नहीं, पान शायद महंगा वाला है, सो पीक सम्भालते हुए मुंह ऊपर करके बोले- ‘ये भैया, पता नहीं पटिया (पार्टी) वाला सब काहे देर किया है... भीतरी कुछ बात होगा तब ना... ना तो पहले बड़ा बढ़िया से समझौता हो जाता था...’

कुर्ता-पयजामा वाले ने कहा- ‘अरे तुम नहीं जानते हो सब चिरगवा फंसा दिया है ना... बोल दिया है कि नीतीश के खिलाफ अकेले चुनाव लड़ेंगे... अब बीजेपी वाला सब उसके खिलाफ बोलिए नहीं रहा है... अब तो बीजेपी के लिए न निगलते बन रहा है, न उगलते बन रहा है... वही में न सब बात फंसा हुआ है... ।’ थोड़ा रुककर बोले, तेजस्वी तो पहले ही सब फाइनल कर दिया है... मांझी, कुशवाहा को निकाल दिया है। देखे नहीं उ दिन मुकेश सहनी खिसिया के भाग गया... तेजस्वी उसको टिकट नहीं दिया... सुने हैं अब उ भजपा वालन के साथ चुनाव लड़ेगा।'

मैंने बीच में टोकते हुए कहा- ‘ई सब तो ठीक है, लेकिन ई चिराग पासवान काहे बिदके हुए हैं...’ कुर्ता पायजामा वाले ने कहा, 'अरे भइया ई रामविलास के ना पूत है... मौका देख के राजनीति करता है... आपको क्या लगता है, ई सब चिराग कर रहा है... अरे, इसके पीछे बहुत बड़ा बैकअप है... ना त नीतीश के सामने बड़-बड़ नेता बोल ना पाते हैं... ई कल के नेता उनकरा सामने एतना बोल रहा है कि नीतीशो चुप्पी साध लिए हैं...।' तभी मसालेदार सत्तू का गिलास सामने आ गया, सत्तू के घूंट की तरावट के साथ गर्मी थमी तो बहस को भी विराम मिलता दिखा, लेकिन तभी कुछ बाइक वाले आकर रुके। लगा कि माहौल में कोई नए तरह की गर्मी आने वाली है, लेकिन इस टीम ने अपना कुछ पुराना हिसाब चुकता किया और चल दिए। हम भी अगले पड़ाव कि ओर चल पड़े थे।



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Bihar Election 2020; Patna Locals Political Debate On Chirag Paswan Lok Janshakti Party And Nitish Kumar


from Dainik Bhaskar

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