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Monday 12 October 2020

वे गए तो उनके साथ एक नारा भी चला गया, लेकिन चिराग जला गए, अब वार, आर-पार बच के रहना कुमार

रामनगरी मोड़ से आगे दीघा की तरफ बढ़ने पर पीपल मोड़ है। पीपल मोड़ पर अब पीपल का पेड़ नहीं रहा। बड़ा सा जो नाला हुआ करता था वह भी भर गया और उस पर सड़क बन चुकी है। पीपल मोड़ से पश्चिम में आशियाना नगर कॉलोनी है। मोड़ पर चार पढ़े-लिखे लड़के जुटे हुए हैं। शाम में तफरी करने निकले हैं।

एक ने कहा- बड़े दुख की बात है यार रामविलास जी नहीं रहे।

दूसरे ने कहा, हां बिहार के एकमात्र ऐसा नेता इस समय में वे थे जिनकी पैठ दूर तक थी। कई विभागों में मंत्री रहे।

तीसरे ने कहा, हां अब चिराग का जमाना आ गया।

चौथे ने कहा लालू जी कहां पोस्टर पर दिख रहे हैं। अब तो तेजस्वी का जमाना आ गया।

पहले ने कहा, हम यार दुनिया जहां की बात तो करते हैं। अपने मोहल्ले के बारे में कोई बात नहीं करते।

दूसरे ने कहा- तुम्हीं बताओ मोहल्ले के बारे में।

एक ने कहा दीघा में इस बार तो जदयू का उम्मीदवार नहीं होगा। गठबंधन में जदयू की सीट भाजपा को चली गई है। पिछली बार भाजपा के संजीव चौरसिया ने जदयू के राजीव रंजन को हरा दिया था। यादव, मुस्लिम, अति- पिछड़ा सब वोट पड़ा जदयू को फिर भी पार्टी जीत नहीं सकी।

इन्हीं में से एक ने कहा, पटना की सीटें भाजपाई कैडर वाली हैं। इसलिए तो रामकृपाल यादव जीत गए थे लोकसभा में और लालू की बेटी मीसा भारती हार गई थी। रविशंकर प्रसाद राज्य सभा जाते-जाते लोक सभा चले गए। इतनी ताकत है पटनी की सीटों में। एक दम भगवा है भगवा।

चारों दोस्तों में राजू थोड़ा ज्यादा सरोकार वाला लग रहा है। उसने कहा फिर दुनिया जहान की बात! अरे अपने मोहल्ले को कितना जानते हो? राजू ने बोलना शुरू किया। इसी आशियाना नगर कॉलोनी में पहले जाने-माने पत्रकार सुरेन्द्र किशोर रहते थे। अब वे एम्स के पास रहते हैं। श्रीकांत और प्रेमकुमार मणि रहते हैं। बाढ़ पर काम करने वाले रंजीव भी इन दिनों इसी मोहल्ले में रह रहे हैं।

पटना हाईकोर्ट के सीनियर वकील योगेश चंद्र वर्मा, चर्चित यूरोलॉजिस्ट डॉ. अजय कुमार और सर्जन डॉ. जे. डी. सिंह भी आशियाना में ही रहते हैं। डॉ. अजय कुमार ने तो एक बार भाजपा ज्वाइन भी कर लिया था। बाकी तीनों दोस्त सिर हिला रहे थे। तीनों ने कहा, हमको मालूम है। लेकिन तीनों ऐसे बोल रहे थे जैसे कुछ भी पूरा नहीं जानते, आधा अधूरा जानते हैं।

राजू ने कहा- चिट्ठियों की भी राजनीति होती है। रघुवंश बाबू की चिट्ठी से कैसे राजनीति गरमा गई थी।

दूसरे ने कहा- तो क्या हुआ, रामा सिंह को राजद ने इंट्री नहीं दी? रामा को इंट्री भी दी और उसकी पत्नी को टिकट भी।

राजू ने टोका- छोड़ न राजनीति की बात, राजबल्लभ की पत्नी से लेकर अनंत सिंह तक को टिकट मिल गया। राजनीति से उम्मीद करने चले हो सफाई की। नेता और राजनीतिक पार्टी दोनों पर यही लागू होता है- जिधर पूरी, उधर घूरी। राजू ने फिर बातचीत को ट्रैक पर लाया- अपने मोहल्ले को हम कितना जानते हैं इस पर क्यों नहीं सोचते। सब ने तय किया हम लोग सप्ताह में एक दिन किसी खास के यहां सुबह की चाय पीने चलेंगे।

राजू ने कहा- इतना संस्मरण है मोहल्ले में कि सुन कर मन तर जाएगा दोस्तों। राजनीति से लेकर समाज तक की कहानियां। जीत-हार की कहानियां। दांव-पेंच की कहानियां। मोहल्ले से निकल कर देश तक में फैली कहानियां। चुनाव ने तो अभी जैसे कोरोना को भी हरा दिया है।

दूसरे ने टोका- प्यार ने भी कोरोना को हरा दिया है। देखा रामविलास पासवान को चाहने वालों का सैलाब दीघा के घाट पर उमड़ पड़ा। एक नारा उनके साथ अमर हुआ और उनके साथ ही अस्त भी हो गया- धरती गूंजे आसमान, रामविलास पासवान। सभी ने सिर हिलाया। राजू भी अब चुनावी रंग में रंग गया।

राजू ने कहा- रामविलास अब भले न रहें उनकी राजनीति बड़ी हो गई है बिहार में। लोजपा अब पहले वाली लोजपा नहीं रह गई जिसकी हालत पतली कर दी थी नीतीश कुमार ने। लोजपा के कार्यालय तक पर आफत आ गई थी। लेकिन अब उन्होंने चिराग जला दिया है। पहले धाकड़ नेता सब के बीच राजनीति थी अब नेता के बच्चों के बीच वार है। वार, आर-पार, बचके रहना नीतीश कुमार !



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Bihar Election 2020; Patna Locals Political Debate On Nitish Kumar And Chirag Paswan Lok Janshakti Party


from Dainik Bhaskar

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